आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 22 मई,प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, जिसका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार देना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना है, उसी योजना को डिण्डौरी जिले में भ्रष्टाचार और लापरवाही का शिकार बनाया जा रहा है।
जिले में निगवानी गोदाम से उचित मूल्य दुकानों तक नियमित रूप से अन्नदूत वाहनों में ओवरलोडिंग कर खाद्यान्न का परिवहन किया जा रहा है, जो कि योजना के दिशा-निर्देशों के स्पष्ट उल्लंघन के अंतर्गत आता है। योजना के तहत हर अन्नदूत वाहन की अधिकतम लोडिंग क्षमता 7.5 मीट्रिक टन (7500 किलोग्राम) निर्धारित है, और इन्हीं मानकों के आधार पर ₹65 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाता है।
लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। आज 22/5/2025 11:07अन्न दूत क्रमांक MP52 ZA4673 जो मुकुटपुर उचित मूल्य दुकान निगवानी गोदाम से 19 मीट्रिक टन माल लेकर रवाना हुई।
स्थानीय सूत्रों और लगातार मिल रही शिकायतों के अनुसार, गोदाम प्रभारी, कुछ अन्नदूत वाहन संचालक, और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह ओवरलोडिंग का खेल लम्बे समय से बेरोकटोक चल रहा है।
मीडिया ने कई बार इस विषय को उठाया, वर्ष 2023 से लेकर अब तक इस मुद्दे पर समाचार प्रकाशित किए जा चुके हैं।
शिकायतकर्ताओं ने तत्कालीन कलेक्टर को आवेदन देकर कार्यवाही की माँग की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की गई, परन्तु एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद सिर्फ झूठे समाधान दर्ज कर मामले को रफा-दफा किया गया।
स्थिति यहाँ तक पहुँच गई कि एक अधिकारी ने शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया, और यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि "अब ओवरलोडिंग नहीं हो रही है, और पूरे प्रदेश में यही चल रहा है।" जब उनसे यह पूछा गया कि ओवरलोडिंग की स्थिति में भुगतान किस दर पर किया जाता है, तो उन्होंने गरीबों की दुहाई देना शुरू कर दिया, जो स्वयं इस भ्रष्टाचार को ढंकने की कोशिश प्रतीत होता है।
प्रश्न यह उठता है कि जब योजनाओं का संचालन ही भ्रष्ट व्यवस्था की भेंट चढ़ जाए, तो पारदर्शिता और युवाओं के रोजगार का वादा महज दिखावा बनकर नहीं रह जाता? यदि पूरे प्रदेश में यही हाल है, तो मुख्यमंत्री को स्वयं इस योजना की निगरानी कर दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए।
डिण्डौरी की यह स्थिति न केवल सरकारी खजाने को चपत लगा रही है, बल्कि योजना के मूल उद्देश्यों और जनहित को भी गहरी चोट पहुँचा रही है।
जनहित में मांग है कि –
निगवानी गोदाम से जुड़े समस्त रिकॉर्ड की उच्च स्तरीय जांच हो।
सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायतों की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
दोषी अधिकारियों व परिवहनकर्ताओं पर कार्रवाई सुनिश्चित हो।
प्रत्येक अन्नदूत वाहन की जीपीएस ट्रैकिंग और लोड क्षमता की निगरानी अनिवार्य की जाए।