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आदिवासी महिला से अमर्यादित व्यवहार, डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक का वीडियो वायरल, सोशल मीडिया में आक्रोश

आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 25 जून,जिले के करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बरेंडा की ग्राम उमरिया के आदिवासी ग्रामीणों को उस वक्त भारी अपमान का सामना करना पड़ा जब वे मंगलवार को जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे। आदिवासी बैगा समुदाय की एक महिला जब अपनी बात कलेक्टर तक पहुंचाने कलेक्टर की गाड़ी के सामने आ गई, तो डिप्टी कलेक्टर वैधनाथ वासनिक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने महिला से अभद्र भाषा में बात करते हुए कहा – “ये क्या तरीका हैं, ऐसे गाड़ी रोकेंगे, चलो हटो, हटो यहां से, सबको अंदर कराता हूं।” इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

जानकारी के अनुसार, सोमवार को ग्राम उमरिया के जंगल क्षेत्र में वन विभाग ने जेसीबी से अतिक्रमण हटाया था। करीब 100 एकड़ क्षेत्रफल में बसे आदिवासी परिवार, जो वर्षों से खेती कर जीवनयापन कर रहे थे, उन्हें बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ दिया गया। इससे नाराज आदिवासी ग्रामीण मंगलवार को जनसुनवाई के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे थे।

महिला कलेक्टर नेहा मारव्या ने जनसुनवाई के दौरान धैर्यपूर्वक ग्रामीणों की बात सुनी और समस्या के समाधान के लिए उन्हें वन विभाग से संपर्क करने की सलाह दी। लेकिन जब कलेक्टर जनसुनवाई के बाद अपनी गाड़ी में बैठकर निकल रही थीं, उसी समय एक आदिवासी महिला ने गाड़ी के सामने आकर बात करने की कोशिश की। तभी डिप्टी कलेक्टर वासनिक महिला पर भड़क गए और गाली-गलौज जैसी भाषा का प्रयोग करते हुए उसे जेल में डालने की धमकी दे डाली।

घटना के समय मौके पर एसडीएम भारती मेरावी और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने डिप्टी कलेक्टर को रोकने की कोशिश नहीं की। मौजूद किसी व्यक्ति ने यह पूरा घटनाक्रम मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद जिले में प्रशासनिक व्यवहार को लेकर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है। आम लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि डिप्टी कलेक्टर वासनिक के व्यवहार की निंदा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग कर रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों को आदिवासी बहुल जिले में नहीं रखा जाए। 

डिंडोरी जिला विशेषकर बैगा जनजाति बहुल क्षेत्र है, जहां शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से होना चाहिए। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के ऐसे रूखे व्यवहार से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। आदिवासी महिला को धमकाना न सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण से गलत है बल्कि संवैधानिक मर्यादाओं के भी खिलाफ है।


 

Ashish Joshi

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ASHISH JOSHI | आई विटनेस न्यूज़ 24 के संचालक के रूप में, मेरी प्रतिबद्धता हमारे दर्शकों को सटीक, प्रभावशाली और समय पर समाचार प्रदान करने की है। मैं पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखते हुए हर खबर को सच के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूँ। आई विटनेस न्यूज़ 24 में, हमारा लक्ष्य है कि हम समाज को सशक्त और जोड़ने वाली आवाज़ बनें।