सामुदायिक स्वच्छता परिसर में लटक रहे ताले
राजेन्द्र तान्तवाय की रिपोर्ट
डिंडौरी-आई विटनेस न्यूज 24, ग्रामीण क्षेत्र के हाट-बाजारों में जब सब्जियों की दुकान सजती है, वहां मेले सा दृश्य होता है। आसपास के कई गांव के लोग सैकड़ों की संख्या में वहां पहुंचते हैं, जिनकी प्रसाधन सुविधा के लिए शासन ने सामुदायिक स्वच्छता परिसर की योजना शुरू की थी। इस तरह न केवल बाजार आने वालों के लिए एक सुविधाजनक संसाधन मिला, खुले में निपटने से होने वाली अव्यवस्था का हल भी निकला। मंशा के विपरीत इन सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की उपयोगिता हाशिए पर है, क्योंकि सुविधा देने की बजाय इन्हें ताले में बंद कर दिया गया है।
जिसकी बानगी है जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत आने वाली पंचायतें जहाँ स्वच्छता परिसरों का निर्माण कराया गया है लेकिन इनकी उपयोगिता के मापदंड तय नहीं किये गए जिसके परिणाम स्वरूप उक्त स्वच्छता परिसरों पर निर्माण के बाद से ही दरवाजों पर लटके ताले शोभा बढ़ा रहे है यह हालत महज एक पंचायत के नहीं है ज्यादातर पंचायतों में यहीं आलम है अपवाद स्वरूप ही इन सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का उपयोग गिनीचुनी पंचायतों में ही बदस्तूर सुचारू रूप से किया जा रहा है यहाँ यक्ष प्रश्न है कि स्वच्छता परिसरों के निर्माण को लेकर जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत के आला अधिकारी ततपरता दिखा रहे थे वही अब इनके उपयोग को लेकर उदासीन बैठे हुए है जिसके चलते लाखों की लागत से निर्मित स्वच्छता परिसर शोपीस साबित हो रहे जिसका न स्थानीय व्यक्तियों को लाभ मिल पा रहा है और न ही दूर दराज से आने वाले मुसाफिरों को जबकि शासन की मंशा इससे इतर स्वच्छता को बढ़ावा देना है जिसके लिए अभियान चलाने के साथ करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन बावजूद इसके धरातल में सरकार की मंशा फलीभूत होती नहीं दिख रही है