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नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनाइजरों द्वारा विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनियों पर प्रशासन हो सकता है सख्त, पूर्व में भी जारी किये जा चुके हैं नोटिस

आई विटनेस न्यूज़ 24 बुधवार मई

डिन्डोरी। नगरीय और ग्रामीण  क्षेत्रों  में कॉलोनाइजरों द्वारा विकसित की जा रही आवासीय कॉलोनियों पर प्रशासन सख्त  हो सकता है इसका कारण कॉलोनाइजरों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन ना करना बताया जा रहा है नगर निगम क्षेत्र में कॉलोनाइजर्स नियम का पालन कराना निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी होता है पंचायत क्षेत्र में कॉलोनाइजर नियम 21 में कलेक्टर को अवैध कॉलोनी को खत्म करने और इन्हें विकसित करने वाले पर दंडात्मक कार्यवाही करने का अधिकार प्राप्त है

 2050  नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्टीकरण, निबंधन तथा शर्त) नियम 1998 के नियम 10 में नगरीय क्षेत्र में कॉलीनाईजर द्वारा विकसीत की गई कॉलोनियों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एव निम्न वर्ग के लिये भूखण्डो / भवनों को आरक्षित रखने एवं उपयुक्त हित‌ग्राहियों को आबंटित करने के प्रावधान किये  गये थे। इसी तरह दिनांक 13 जनवरी 2022 में प्रचलित नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के निमय 10 में ऐसे वर्गों के लिये मूखण्डो/भजनों को आरक्षित रखने एक नियम 11 में इनके विक्रय के लिये नीति निर्धारित की गई है।

नगरीय क्षेत्र में उक्त नियमों के अतर्गत आरक्षित किये गये भूखण्डो/भवनों को नियमानुसार पात्र हितग्राहियों को आवटित किया जाना है। कॉलोनाइजर द्वारा विकसीत की गई एवं विकास के अतर्गत आवासीय कॉलोनियों में उक्त वर्गों  के लिये नियमानुसार  आरक्षित किये गये भूखण्डो / भवनों की आवंटित करने की कार्यवाही निकट भविष्य में की जाना है।

उक्त संबध में कॉलोनाइजरों  द्वारा म०प्र नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निबंधन तथा शर्त) नियम 1960 के तहत नियमानुसार कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र एवं कॉलोनी विकास अनुमति कॉलोनाइजरों द्वारा ली गई है या नहीं.

क्या कहता है नियम

आवासीय कालोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गा तथा निम्न आय वर्गो के लिए भूखण्डों/आवासीय इकाईयों का उपबंध,

(1) नगरपालिक क्षेत्र में विकसित की जाने वाली प्रत्येक आवासीय कालोनी में कालोनाईजर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो तथा निम्न आय वर्गों के व्यक्तियों के लिए उतनी संख्या में भूखण्ड विकसित करेगा जो उस कालोनी में अन्य आय वर्गों के लिए विकसित किए गए भूखण्डों के 15 प्रतिशत के बराबर हो ।

(2) यदि कोई कालोनाइजर, जो उपनियम (1) के अधीन अपनी कालोनी में, विकसित भूखण्डों के बजाय निर्मित आवासीय इकाईयां उपलब्ध कराना चाहता है तो वह उस कालोनी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए उतनी संख्या में आवासीय इकाईयां निर्मित करेगा जो कि अन्य आय वर्गों के व्यक्तियों के लिए निर्मित आवासीय इकाईयों के 15 प्रतिशत के बराबर हो।

(3) उस भूमि के संबंध में जिस पर नगर भूमि (अधिकतम् सीमा और विनियमन) अधिनियम, 1976 (1976 का 33) लागू होता है. कालोनाईजर को, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों के लिए विकसित भूखण्ड आरक्षित रखना होंगे:

परन्तु ऐसे आरक्षित विकसित भूखण्डों की संख्या उपनियम (1) में विहित संख्या से कम नहीं होगी ।

उपनियम (1). (2) तथा (5) के अधीन आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए आरक्षित किए जाने वाले भूखण्डों अथवा सन्निर्मित आवासों का अनुपात 3:2 का रहेगा ।

(7) उपनियम (1), (2) तथा (5) के अधीन आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्गों के लिए आरक्षित किए गए विकसित भूखण्डों का क्षेत्रफल तथा संन्निर्मित आवासीय इकाईयों का निर्मित क्षेत्र निम्नानुसार होगा:-

1 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए

विकसित भूखण्ड 30 से 40 वर्गमीटर तथा आवासीय इकाईयां 25 से 35 वर्गमीटर

2 निम्न आय वर्ग के लिए

विकसित भूखण्ड 41 से 96 वर्गमीटर तथा आवासीय इकाईयां 36 से 48 वर्गमीटर

जिले के अधिकतर कालोनाइजरों द्वारा शासन के नियमों  को ताक पर रखकर कालोनिओं का निर्माण किया जा रहा है जिसके कारण कभी भी प्रशासन नियम विरूद्ध कार्य कर रहे कालोनाइजरों पर सख्त हो सकता है