विधायक, व्यापारी और पत्रकारों समेत 52 लोगों की सीडीआर निकालने के लगे थे आरोप IPS सिमाला प्रसाद
जिला प्रतिनिधि की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24,मंगलवार 1 मार्च डिंडोरी,भोपाल। 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी पूर्व पुलिस अधीक्षक डिंडोरी और वर्तमान में बैतूल जिले की एसपी के तौर पर पदस्थ सिमाला प्रसाद को बड़ी राहत मिल गई है। उन पर लगे विधायक, व्यापारी समेत पत्रकारों के फोन टैपिंग और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकालने के आरोप पूरी तरह गलत पाए गए हैं। सरकार ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी है। यदि यह आरोप सही पाए जाते तो सिमाला मुश्किल में फंस सकती थी।
मध्य प्रदेश के बैतूल के विधायक निलय डागा ने पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि जिले में पेगासस जैसा मामला सामने आया है। यहां 52 गणमान्य लोगों की जासूसी की गई जिसके लिए उनके फोन कॉल की जानकारियां निकाली गई हैं। उन्होंने डीजीपी विवेक जौहरी को इस बारे में शिकायत करते हुए सवाल पूछा था कि यह किसके आदेश पर किया गया और इसके पीछे क्या उद्देश्य है, उन्हें बताया जाए। विधायक निलय डागा ने कहा था कि जिले के 52 लोगों की सीडीआर निकाली गई है। इनमें मेरे जैसे विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि, व्यापारी और पत्रकार शामिल हैं। इन सभी के मोबाइल कॉल पर नजर रखी गई। उनकी जासूसी की गई। डागा का कहना था कि यह किसके आदेश पर किया गया। डागा के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने उच्च स्तर पर पूरे मामले की जांच कराई थी। लेकिन जांच में आरोप पूरी तरह गलत निकले हैं।
लिखित में भी दे चुकी थी सफाई
सिमाला प्रसाद से इस मामले में आईजी ऑफिस ने भी लिखित में स्पष्टीकरण मांगा था। प्रसाद आईजी ऑफिस को भी लिखित में अपनी सफाई दे चुकी हैं कि उन पर विधायक, व्यापारी और पत्रकारों की जासूसी या सीडीआर निकालने के आरोप झूठे हैं।
