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वन विभाग, राजस्व विभाग, जनजाति कार्य विभाग की संयुक्त बैठक का आयोजन

गणेश पाण्डेय आई विटनेस न्यूज़ 24 सोमवार  6 मई 

   कलेक्टर  विकास मिश्रा ने आज वन विभाग, राजस्व विभाग, जनजाति कार्य विभाग की संयुक्त बैठक का आयोजन किया। बैठक में जिला वन अधिकारी  साहिल गर्ग, एडीएम  सरोधन सिंह, अपर कलेक्टर  सुनील शुक्ला एसडीएम शहपुरा अनुराग सिंह, एसडीएम डिंडौरी  रामबाबू देवांगन, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग संतोष शुक्ला सहित अन्य राजस्व व वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

      बैठक का प्रमुख केन्द्रबिंदु सामुदायिक दावों पर राजस्व और वन विभाग का समन्वय से कार्य करना रहा। कलेक्टर  ने सामुदायिक मामलों पर चर्चा कर राजस्व भूमि और वन भूमि में सामूदायिक दावों पर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व और वन विभाग की भूमि के मध्य उचित विभाजन होना चाहिए। सामुदायिक दावों के मामलों पर उचित रूप से विभागों की भूमिका स्पष्ट होना चाहिए। जिला वन अधिकारी  साहिल गर्ग ने सामुदायिक दावों के प्रकारों को स्पष्ट रूप से बताते हुए कहा कि नवीन निर्माणों में वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक दावे नहीं किए जाते, इसी प्रकार वृक्षारोपण मामलों में भी सामुदायिक दावे नहीं किए जाते। 

      कलेक्टर  ने कहा कि विकासखंड स्तर पर वृक्षारोपण के मामलों पर एसडीएम निगरानी रखें। जिसमें वन विभाग का सहयोग प्राप्त हो, वृक्षारोपण ऐसे स्थानों पर किया जाए जहां पर जल स्त्रोत समीप हो जिससे कि वृक्षों की आयु अधिक हो। उन्होंने वन क्षेत्रों में किए जाने वाले कब्जों पर निर्देश देते हुए कहा कि कब्जा वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वन विभाग, राजस्व विभाग के साथ मिलकर कब्जा हटाने की कार्यवाही करें। उन्होंने वनों में लगने वाली आग के लिए विशेष ध्यान देते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। ग्रीष्म ऋतु में आगजनी की मामलों में वृद्धि होती है इस कारण आगजनी से बचने के पूर्व उपाय आवश्यक रूप से करें। 

     कलेक्टर  ने पेयजल संकट के मुद्दो पर संयुक्त रूप से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में होने वाले पेयजल संकट का निदान मिलकर करें। यह एक संवेदनशील मुद्दा है जिसमें वन ग्राम के कोटवारों को साथ में रहकर कार्य करवाएं। कलेक्टर  ने वनाधिकार पट्टा, नामांतरण, वन क्षेत्रों के स्कूल तथा वन क्षेत्रों के हाट- बजारों में होने वाली गतिविधियों पर निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुओं के अनैतिक व्यापार पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। राजस्व, वन तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को साथ में समन्वित होकर कार्य करने का निर्देशित किया।