मामला ग्राम पंचायत मुड़िया कला का
राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 27 जनवरी,डिंडोरी __देश के प्रधानमंत्री ने अति पिछड़े बैगा जनजाति को विकास की मुख्यधारा पर लाने के उद्देश्य से सुदूर ग्रामीण अंचलों में रहने वाले बैगा जनजाति के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से 2 :50 लाख की लागत से पक्के आवास निर्माण की आधार शिला रखी थी लेकिन आदिवासी बाहुल्य जिले में शासन की ऐसी अनेकों योजना है जिसमें जनमन योजना भी शामिल है धरातल में मूर्त रूप लेने से पहले ही पानी मांगती नजर आ रही है जिसकी बानगी है जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुड़िया कला जहां निवासरत बैगा जनजाति वर्ग के लोगों को अब तक जनमन आवास योजना का लाभ जनपद से लेकर पंचायत के जिम्मेदार नुमाइंदों की गैर जिम्मेदाराना रवैए के चलते नहीं मिल सका है जिसके परिणाम स्वरूप बैगा जनजाति वर्ग के लगभग 12 घरों की आबादी कच्चे एवं झोपड़ी नुमा मकानों में अपना जीवन बसर करने विवश होना पड़ा रहा है गौरतलब हो कि जिले में जनमन आवास का लाभ देने प्रशासनिक अमले के द्वारा विशेष अभियान के माध्यम से बैगा जनजाति के परिवारों को चिन्हित किया गया है और आवास निर्माण कार्य भी प्रारंभ किए गए लेकिन ग्राम पंचायत मुड़िया कला के पोषक ग्राम कुरकवारा में निवासरत 12 बैगा परिवारों को अब तक न प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल सका है और न ही जनमन आवास योजना अंतर्गत वहीं मुड़िया माल में भरिया बैगा के परिवारों को तो स्वच्छता अभियान के तहत पक्के शौचालय का लाभ दिया गया है लेकिन कुरकवार रैयत में रहने वाले बैगा जनजाति के परिवारों को पक्के शौचालय का लाभ भी अब तक नहीं मिल सका है सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार कुरकवारा रैयत में 6 लोगों के नाम आवास प्लस की सूची में थे जो इस प्रकार है मुरली मनोहर पिता सुखलाल बैगा,ज्ञानवती पति रतन सिंह बैगा , अजरू सिंह पिता भद्ददु सिंह बैगा ,अंसुइया पति सदूर सिंह बैगा ,समूल सिंह पिता किरतु सिंह बैगा , मुनिम सिंह पिता सुखलाल बैगा ,सुखवीर पिता तितरू सिंह बैगा ,लेकिन बावजूद ये बैगा परिवार आवास के लिए पंचायत कार्यालय के चक्कर काटते काटते हताश हो गए पर अब तक आवास की आस आंखों में लिए बैठे हुए हैं सूत्रों की माने तो रोजगार सहायक इंद्र सिंह वालरे के द्वारा आवास प्लस में 6 वें स्थान पर नाम होने के बाद भी अपनी माता सुंदरियां बाई के नाम पर आवास स्वीकृत कर दिया वहीं मां के नाम से स्वीकृत आवास निर्माण में रोजगार सहायक द्वारा आंगनवाड़ी भवन ,कुआं मरम्मत कार्य ,के बचे हुए मटेरियल रेत ,गिट्टी ,चुराने के भी आरोप खुली जुबान से लगा रहे हैं बहरहाल बैगा जनजाति के परिवारों को कब तक आवास का लाभ मिल सकेगा यह समय के गर्भ में है।