आई विटनेस न्यूज 24,शुक्रवार 2 मई,भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचक नामावलियों की सटीकता बढ़ाने और मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को अधिक सुगम और भरोसेमंद बनाने के उद्देश्य से तीन महत्त्वपूर्ण पहलें की हैं। ये निर्णय भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में, मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन में लिए गए।
1. मृत्यु पंजीकरण डेटा का इलेक्ट्रॉनिक उपयोग:
अब निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) को मृत्यु पंजीकरण का डेटा भारत के महापंजीयक से सीधे और इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त होगा। यह प्रक्रिया निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 और जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (संशोधित 2023) के प्रावधानों के अनुरूप होगी। इससे मृत व्यक्तियों के नाम समय पर मतदाता सूची से हटाना संभव होगा और बीएलओ भी फॉर्म 7 की प्रतीक्षा किए बिना फील्ड सत्यापन कर सकेंगे।
2. बीएलओ को मानक फोटो पहचान-पत्र:
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13ख (2) के अंतर्गत बीएलओ को अब एकरूपता में फोटो पहचान-पत्र जारी किए जाएंगे। इससे बीएलओ की पहचान स्पष्ट होगी और मतदाता सत्यापन व पंजीकरण के दौरान आम नागरिक उनसे सहजता से संपर्क कर सकेंगे।
3. मतदाता सूचना पर्ची का नया स्वरूप:
मतदाता सूचना पर्ची (Voter Information Slip) को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जाएगा। पर्ची में मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक स्पष्ट रूप से बड़े फ़ॉन्ट में अंकित होगी। इससे मतदाताओं को अपने मतदान केंद्र की जानकारी आसानी से मिल सकेगी और मतदान अधिकारियों के लिए भी नाम सूची में खोज आसान होगी।
भारत निर्वाचन आयोग की ये पहलें न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगी, बल्कि मतदाताओं की भागीदारी और विश्वास को भी सुदृढ़ करेंगी।