आई विटनेस न्यूज 24,शुक्रवार 9 मई
, कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या की अध्यक्षता में आज नगर पंचायत डिंडौरी में मां नर्मदा मंदिर परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें नगर के नर्मदा घाटों के सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और जल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
कलेक्टर ने बैठक में नगर के उन नालों पर चिंता जताई, जो सीधे नर्मदा नदी में मिलकर प्रदूषण फैला रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे नालों को नियंत्रित करने के लिए शीघ्र ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे गंदा पानी नर्मदा नदी में न मिलने पाए। साथ ही नर्मदा नदी में गहरीकरण कार्य कराने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम द्वारा विधायक निधि से 11 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। गहरीकरण से निकले मलबे के निष्कासन की जिम्मेदारी तहसीलदार एवं नगर परिषद अधिकारियों को सौंपी गई है।
इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुनीता सारस, सीईओ जिला पंचायत अनिल कुमार राठौर, पार्षदगण, मॉ नर्मदा समिति के सदस्य, वरिष्ठ नागरिक और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
श्मशान घाट होगा सुव्यवस्थित, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी
कलेक्टर ने श्मशान घाट की सफाई और व्यवस्था को लेकर नगर परिषद को निर्देशित किया कि वहां किसी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था न हो। स्थायी और प्रभावी स्वच्छता व्यवस्था लागू करने को कहा गया। परिक्रमावासियों और श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, रैन बसेरा जैसी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर श्रीमती मारव्या ने स्पष्ट किया कि नगर की साफ-सफाई, घाटों की सुंदरता और श्रद्धालुओं की सुविधा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पारदर्शी और त्वरित क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण का स्थल निरीक्षण, गुणवत्ता पर दिया गया जोर
बैठक के पश्चात कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने नगर परिषद डिंडौरी में निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का स्थल निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्माण की प्रगति, गुणवत्ता और तकनीकी मानकों की समीक्षा की तथा कार्य की गति बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना नगर की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है। निर्माण एजेंसी और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कार्य निर्धारित समयसीमा में पूर्ण हो और गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न हो।
निरीक्षण के समय नगर परिषद के अधिकारी, इंजीनियर एवं तकनीकी स्टाफ उपस्थित रहे।