राजेन्द्र तंतवाय की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 11 जुलाई,आदिवासी बाहुल्य जिले में शिक्षा व्यवस्था के हाल किस कदर बेहाल हैं यह भी आम से खास व्यक्ति से छिपा नहीं है नया सत्र शुरू होते ही समाचार पत्रों सहित सोशल मीडिया में जिले की शिक्षा व्यवस्था की बेचारगी नित रोज सामने आ रही हैं पर इससे न जिले के जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार है न ही जिले के प्रशासनिक तंत्र को है।ऐसा ही मामला है जिला मुख्यालय की समीपी ग्राम पंचायत शाहपुर का जहां बीते डेढ़ साल से करोड़ों की लागत से बने स्कूल भवन में ताला लटक रहा है जिसका खामियाजा स्कूली छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।गौरतलब हो कि कस्बा शाहपुर में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे जर्जर भवन के बरामदे में बैठकर अध्यापन कार्य करने को मजबूर हैं।यह भवन हाई स्कूल भवन का है जिसमें 9 वीं से 12 वीं तक की कक्षाएं लगाई जा रही हैं।भवन में पर्याप्त कमरे न होने की स्थिति में कक्षाएं संचालित हो रही हैं।बरामदे में बैठकर अध्यापन कार्य करने वाले बच्चों को पास ही बने टॉयलेट की दुर्गंध के बीच अपनी पढ़ाई करना पड़ रहा है।विडम्बना यहां यह है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का करोड़ों रुपये की लागत से नया स्कूल भवन डेढ़ साल से बनकर तैयार है।लेकिन नये भवन का लोकार्पण न होने के कारण इस नवीन भवन में निर्माण के बाद से ही ताला लगा हुआ है।जिसका खामियाजा बच्चों सहित शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है।इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।बच्चों एवं पालकों की मांग है कि बच्चों के सुनहरे भविष्य निर्माण को देखते हुए नये स्कूल भवन का लोकार्पण करवा कर जल्द से जल्द नये भवन में स्कूल शिफ्ट किया जाये जिससे सर्वसुविधायुक्त नये भवन का लाभ बच्चों को मिल सके। उल्लेखनीय है कि बीते साल विक्रमपुर के छर्रा टोला में करोड़ों की लागत से बने नये स्कूल भवन का लोकार्पण क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद की उपस्थिति में किया गया था जिसके बाद वहां नये स्कूल भवन में स्कूल संचालित हो रहा है।सूत्रों की माने तो उसके दूसरे ही दिन कस्बा शाहपुर के स्कूल का लोकार्पण होना तय था । जिसके लिये शाहपुर स्कूल प्रबंधन के द्वारा कस्बा के गड़मान्य नागरिकों आमंत्रित करने के लिये सूचना रजिस्टर में दस्तखत करवाये गए तथा इसी आसय का आमंत्रण पत्र प्रशासनिक स्तर पर भी जारी किया गया था बावजूद इसके डेढ़ साल का समय बीत जाने के बाद भी करोड़ो की लागत से बना स्कूल भवन लोकार्पण के लिए माननीयों की प्रतीक्षा में खड़ा हुआ है।जिसका दंश बच्चे झेल रहे हैं।