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घनी आबादी में बिना नगर परिषद की अनुमति लगाए जा रहा एयरटेल का मोबाइल टॉवर, पार्षद और नागरिकों में नाराजगी

आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 3 जुलाई,जिला मुख्यालय के नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड क्रमांक 2 ईमली कुटी मार्ग में निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरटेल द्वारा मोबाइल नेटवर्क टॉवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह कार्य नगर परिषद डिण्डौरी से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लिए बिना ही किया जा रहा है, जो नियमों और प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन है।

जब इस संबंध में वार्ड पार्षद से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस टावर निर्माण की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई, और उनसे अनुमति भी नहीं ली गई है। पार्षद ने यह भी स्पष्ट किया कि टावर प्राइवेट भूमि पर लगाया जा रहा है, लेकिन चूंकि यह स्थान नगर परिषद डिण्डौरी के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए नगर परिषद से एनओसी लेना कानूनी रूप से अनिवार्य था, जो नहीं ली गई।

इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में टावर निर्माण से स्थानीय नागरिकों में भी गहरी नाराजगी है। निवासियों ने बताया कि न तो उन्हें इसकी कोई सूचना दी गई और न ही उनकी सहमति ली गई। उन्हें डर है कि इस टावर से निकलने वाला रेडिएशन उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

वहीं, निर्माण स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने दावा किया कि उन्हें मंत्रालय और डिण्डौरी कलेक्टर कार्यालय से अनुमति प्राप्त है। लेकिन इसकी कोई लिखित प्रति या सार्वजनिक सूचना अब तक सामने नहीं आई है। नगर परिषद ने साफ किया है कि उसके द्वारा कोई एनओसी जारी नहीं की गई है।

मोबाइल टावर निर्माण से जुड़े नियम

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) और TRAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार:

नगर निकाय (नगर परिषद/नगर निगम) से पूर्व अनुमति (एनओसी) लेना अनिवार्य है।

स्थानीय निवासियों को सूचित करना और सहमति लेना जरूरी होता है।

टावर का निर्माण अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्र, अस्पताल, स्कूल आदि के पास सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

मोबाइल टावरों से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (EMR) लंबे समय तक संपर्क में रहने पर मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे सिरदर्द, अनिद्रा, थकान, न्यूरोलॉजिकल समस्या जैसी स्थितियाँ हो सकती हैं।

यह मामला स्थानीय स्वीकृति, पारदर्शिता और स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ा है। यदि ऐसे कार्य नियमों को दरकिनार कर होते रहे तो इसका दूरगामी प्रभाव आम जनता पर पड़ सकता है। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस पूरे मामले की जिम्मेदारी से जांच कर पारदर्शी कार्यवाही सुनिश्चित करे।


 

Ashish Joshi

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