आई विटनेस न्यूज 24-आजादी के बाद पहली बार हमारे देश भारत में किसी महिला को फांसी दी जाएगी. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद भी दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं. हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं की गई है.
सात परिजनों का किया था मर्डर
अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. इस दौरान उसने अपने माता-पिता, दो भाई-एक भाई, एक मौसेरी बहन और एक आठ माह के भतिजे की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. हत्या करने के बाद उसने ही गांव वालों को जगाया था और कहा कि लूटेरे ने परिवार की हत्या कर दी. वह परिवार में एकलौती बची थी इसलिए वह शक के दायरे में थी. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो शबनम पर शक हुआ. फिर मोबाइल कॉल हिस्ट्री के जरिए पुलिस शबनम तक पहुंची और उसे गिरफ्तार किया गया था.
फांसीघर बनाया गया था. लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई. वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है. लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है. डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी