तीन पंचवर्षीय से सरपंची कर रहा सरपंच बना पात्र
राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 22 मई,मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जहां एक ओर प्रदेश की गरीब जनता को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर रहे हैं,वहीं दूसरी ओर सरकारी सिस्टम में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी उनकी महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं! एक ऐसा ही मामला जनपद डिंडोरी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुड़िया कला का प्रकाश में आया है, जहां रोजगार सहायक इंद्र सिंह वालरे की हठधर्मिता ने दर्जनों गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्का आशियाना मिलने से पहले ही उन्हें अपात्र घोषित कर दिया! ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि रोजगार सहायक के द्वारा अनदेखी करते हुए, अपने करीबी व रिश्तेदारों को पात्र किया गया, बाकियों को किसी ना किसी कारण को दर्शाते हुए अपात्र कर दिया गया, ग्राम के ही मंगल लोमस जिसे यह कहते हुए अपात्र कर दिया गया, कि तुम्हें इंदिरा आवास मिल चुका है, जबकि दर्जनों ऐसे हितग्राही हैं जिन्हें इंदिरा आवास पहले मिल चुका है, इसके बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री आवास में पात्र किया गया है!दूसरा हितग्राही अरुण झारिया है जिसे यह कहते हुए अपात्र कर दिया गया कि तुम्हारा जॉब कार्ड नहीं बन पाया है, जबकि उसका अपने पिता से अलग परिवार है,अलग समग्र आईडी है, जॉब कार्ड बनाने का दायित्व भी रोजगार सहायक का ही है, पिछले 3 वर्षों से हितग्राही आवेदन करते गया लेकिन आज तक उसका जॉब कार्ड नहीं बनाया गया,जेसे भी अपात्र कर दिया गया! अगला हितग्राही कोपलाल झारिया है, जिसे यह कहते हुए अपात्र कर दिया गया कि तुम्हारे पास गाड़ी है, जबकि उसके नाम पर कोई गाड़ी नहीं है, दूसरे की गाड़ी पर वह ड्राइवर का कार्य करता है, किंतु उसे भी अपात्र कर दिया गया, ग्राम के ही बलराम सिंह ठाकुर जिनका कच्चा मकान है, उसके नाम के सामने पक्का मकान दर्शाते हुए, उसे अपात्र कर दिया गया बलराम का कहना है कि मुझे इसलिए अपात्र किया गया, क्योंकि मेरे साथ रोजगार सहायक इन्द्र सिंह वालरे का लोकायुक्त का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है, सन 2017 से जिसका बदला लेते हुए मुझे अपात्र किया गया है! बलराम सिंह के द्वारा बताया गया, कि मुझे आवास योजना में आपात्र करने की शिकायत मेरे द्वारा जनपद डिंडोरी के आवास प्रभारी के पास की गई थी, जिसमें के द्वारा यह कहा गया कि आवास आपकी श्रीमती के नाम से आया हुआ है, जिनकी फ़ौत हो चुकी है, और पोर्टल में आपका नाम नॉमिनी में नहीं दिख रहा है, ऐसा उनके द्वारा बताया गया था, जबकि रोजगार सहायक के द्वारा पोर्टल चेक करने पर नॉमिनी में मेरी पत्नी के साथ मेरा नाम एवं मेरे छोटे पुत्र का नाम दिखा रहा था! प्रमाण सहित आवास प्रभारी के पास उपस्थित होने पर आवास प्रभारी के द्वारा यह कहते हुए मुझे भगा दिया गया, कि अब कुछ नहीं हो सकता, पोर्टल खोलने पर ही तुम्हारा नाम जोड़ा जा सकेगा! उल्टा जनपद डिण्डोरी में बैठे आवास प्रभारी के द्वारा रोजगार सहायक को यह कहते हुए लताड़ा गया, की अंदर की बात हितग्राहियों को क्यों बताते हो, इससे यह सिद्ध होता है, कि जनपद डिंडोरी के नीचे से लेकर ऊपर तक सभी अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से ही प्रधानमंत्री आवास योजना को पलीता लगाया जा रहा है! एवं पैसों का लेनदेन करते हुये मनमाने तरीके से हितग्राहियों का चयन किया जा रहा है, जो एक गंभीर जांच का विषय है! ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम में बहुत सारे धनाढ्य लोग हैं, जिनके पास अपना खुद का पक्का मकान है, लेकिन रोजगार सहायक से सांठगांठ करते हुए उन्हें पात्र घोषित कर दिया गया है, ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम के ही खुमान सिंह ठाकुर पिता इंद्रपाल सिंह ठाकुर जिसकी माता हाई कुँवर बाई ठाकुर को सन 2019 में प्रधानमंत्री आवास मिला था, उसी में और पैसा मिला कर खुमान सिंह के द्वारा चार कमरे का पक्का मकान बनाया गया है,और अभी वर्तमान में उसी पक्की मकान में रहता हैं, इसके बावजूद उसे लेन-देन करके पात्र घोषित किया गया है, ग्राम पंचायत मुड़िया कला के सरपंच प्रेम सिंह वालरे जो पिछले तीन पंचवर्षीय से सरपंची कर रहा है, जिसके पास अपने खुद का पक्का मकान और गाड़ी है, लेकिन उसे भी पात्र घोषित किया गया है! ग्रामीणों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर जनपद सीईओ गणेश प्रसाद पांडेय के द्वारा उन्हें अपने केबिन में बुलाकर केबिन के अंदर बैठे-बैठे पूरी जांच कर दी जाती है, और उन्हें डांट फटकार कर भगा दिया जाता है! जबकि नियम अनुसार उनका भौतिक सत्यापन कराया जाना चाहिए, ताकि षडयंत्र पूर्वक अपात्र किये गए लोगों को न्याय मिल सके और पैसे का लेनदेन करके पात्र किये गए लोगों को अपात्र किया जा सके! ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत जनसुनवाई में भी की गई है, लेकिन अभी तक इसका कोई निराकरण नहीं हो पाया है!
