डिंडोरी मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र
विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड डिंडोरी आर ई एस ग्रामीण फिर एक बार सुर्खियों में
है। लगातार मीडिया में कंपनी को क्षति पहुंचाये जाने से संबंधित खबरें प्रकाश में
आने के बाद भी वितरण केंद्र में पदस्थ उक्त अधिकारी जिला मुख्यालय में जमकर मलाई खा रहे हैं।
कोई भी बिजली उपभोक्ता बिजली कनेक्शन में लिए गए स्वीकृत भार से अधिक भार का
उपयोग करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध शासन के नियम अनुसार स्वीकृत भर से अधिक
का उपयोग करते पाए जाने पर मामला पंजीबद्ध कर नियम अनुसार कार्यवाही की जाती है।
लेकिन हैरत की बात है जब उपभोक्ता स्वयं विभाग को आवेदन देकर स्वीकृत भर
बढ़ाना चाहते हैं तो भी अधिकारी द्वारा उनके आवेदन पर नियम अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की जाती। जिसे कहीं ना कहीं कंपनी को
आर्थिक क्षति तो होती है। पहले भी इस वितरण केंद्र से संबंधित कंपनी को क्षति
पहुंचाएं जाने के कई मामले प्रकाश में लाये गए हैं। लेकिन किसी भी मामले में कार्यवाही ना
करते हुए मामले में लीपापोती कर दी गई।
ऐसा ही एक मामला ग्राम किसलपुरी का है।जहां पर उपभोक्ता के द्वारा 20 हॉर्स पावर के कनेक्शन में 10 हॉर्स पावर का भार बढ़ाकर 30 हॉर्स पावर किये जाने का आवेदन दिया गया।
आवेदन करने की तिथि 23 नवंबर 2023 जिसमें नियमानुसार 7 दिन का समय निर्धारित होता है लेकिन यहां तो 25 दिन बीत चुके हैं लेकिन अधिकारी द्वारा लगातार आवेदक को नजर अंदाज करते हुए कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाने का काम किया जा रहा है। क्योंकि उक्त आवेदन ऑनलाइन पंजीकृत होता है तो उच्च अधिकारियों तक इसकी जानकारी होती है लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा भी ऐसे अधिकारी पर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं है लगातार मनमानी करने के बाद भी अधिकारी वर्षों से यहां जमे हुए हैं। और कंपनी को क्षति पहुंचाने का काम धड़ल्ले से कर रहे हैं।
जैसा कि सर्व विदित है किसी भी कनेक्शन में स्वीकृत भर काम होने पर निर्धारित भार
के आधार पर बिलिंग की जाती है अधिक बार होने पर उसे भार के हिसाब से बिलिंग की
जाती है मतलब अधिकारी की लापरवाही के कारण जो राशि 25 दिन पहले जमा हो जाना था वो
राशि आज 25 दिन बाद भी जमा ना हो सकी क्योंकि अधिकारी द्वारा दिए गए आवेदन पर कोई
कार्यवाही ही नहीं की गई है तो मांग पत्र की राशि कहां से जमा होगी। संबंधित
उपभोक्ता द्वारा जानकारी दी गई कि ऑनलाइन पंजीयन करने के बहुत पहले ही अधिकारी को
ऑफलाइन आवेदन दे दिया गया था जिसकी पावती भी अधिकारी द्वारा दी गई थी लेकिन अधिकारी द्वारा उसे आवेदन का पंजीयन तक नहीं
किया गया और बाद में जब उपभोक्ता आवेदक द्वारा उक्त आवेदक का ऑनलाइन पंजीयन कर
दिया गया तो भी आज 25 दिन से अधिक हो चुके हैं और अधिकारी सो रहे हैं ।
हालांकि उपभोक्ता द्वारा फिलहाल स्वीकृत भार से अधिक भार का उपयोग नहीं किया जा रहा लेकिन भविष्य में अधिक भार की आवश्यकता हो सकती है ऐसा सोच कर उपभोक्ता के द्वारा अधिक भार का उपयोग करने से पूर्व ही नियम अनुसार आवेदन किया गया है जिसे जिम्मेदार अधिकारी द्वारा लगातार नजरअंदाज किया गया है ।ऐसे अधिकारिओं का लम्बे समय से स्थानान्तरण न किये जाने का मतलब कम्पनी की छवि धूमिल होने के साथ साथ आर्थिक क्षति होना भी तय है। आखिर किस दबाव के कारण उच्च अधिकारी कार्यवाही नही कर पा रहे