आई विटनेस न्यूज 24,मंगलवार 3 जून,मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। गोड़वाना गणतंत्र पार्टी (जी.जी.पी.) ने जिले में संचालित योजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और जानबूझकर भुगतान रोकने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने इन आरोपों को लेकर जिलाधीश डिंडोरी को ज्ञापन सौंपकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पार्टी द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में सहायक संचालक और वर्तमान प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्याम सिंह सिंगोर को पूरे मामले का केंद्र बताया गया है। आरोप है कि सिंगोर पिछले 12 वर्षों से महिला एवं बाल विकास विभाग में एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। इतने लंबे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ रहना नियमों का उल्लंघन है, और इससे प्रशासनिक निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है।
ज्ञापन के अनुसार, सहायक संचालक और वर्तमान प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्याम सिंह सिंगोर और नीतू तिलगाम तत्कालीन प्रभारी वन स्टॉप सेन्टर ने अपने प्रभाव का उपयोग कर न केवल वित्तीय योजनाओं का दुरुपयोग किया, बल्कि सरकारी अनुदानों की समय पर पात्र हितग्राहियों को आपूर्ति भी नहीं की। विशेषकर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘मिशन शक्ति’, पोषण आहार योजनाओं में भारी गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
दस्तावेजों के अनुसार, वर्ष 2018–19 में कई योजनाओं के लिए जारी की गई राशि आज तक हितग्राहियों को नहीं दी गई है। उदाहरण के लिए, मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत ₹10,64,900 की राशि दिनांक 28.10.2024 को जारी की गई थी, लेकिन यह राशि आज तक संबंधित लाभार्थियों तक नहीं पहुंची। इसी तरह, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत ₹7,38,298 और अन्य योजनाओं के तहत लाखों रुपये का भुगतान रोका गया है।
ज्ञापन में दावा किया गया है कि वर्ष 2018–19 से लंबित कुल भुगतान लगभग ₹80 लाख है, जिसका कोई व्यावसायिक औचित्य नहीं बताया गया है। यह रकम राज्य शासन द्वारा नियमित बजट से जारी की गई थी।
गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने आरोप लगाया है कि डिंडोरी जिले की आंगनबाड़ी परियोजनाओं में “सूचना नारता” प्रस्तुत कर, फर्जी आंकड़ों के आधार पर भुगतान की अनुशंसा की गई। इस फर्जीवाड़े में विभाग के अधिकारी, सुपरवाइजर और ठेकेदार तक शामिल बताए जा रहे हैं। मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी कई बार गलत तैयार की गई और वास्तविक हितग्राहियों को योजनाओं से वंचित किया गया।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि सिंगोर की मिलीभगत से भोपाल स्थित एक संस्था – तेजस्विनी नारी विकास महिला संघ को बिना प्रक्रियागत पारदर्शिता के भुगतान किया गया, जो नियमों के विरुद्ध है। इसी संस्था को वर्ष 2023–24 के लिए भी पुनः भुगतान की प्रक्रिया चलाई गई, जबकि पहले के भुगतान में भी अनियमितता उजागर हुई थी।
पार्टी ने मांग की है कि श्याम सिंह सिंगोर को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाकर अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग डिंडोरी में एक वरिष्ठ महिला अधिकारी की स्थायी नियुक्ति की जाए, ताकि विभाग में पारदर्शिता और विश्वास बहाल हो सके।
इस मामले को लेकर जिले में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण यहां की योजनाएं सीधे तौर पर जनहित से जुड़ी हैं। ऐसे में करोड़ों की गड़बड़ी का मामला उजागर होना शासन-प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री से मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई या आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) से निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि दोषियों को दंड मिल सके और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगे।