आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 9 सितम्बर,मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग ने जिला स्तर से जारी किए गए प्रशासनिक स्थानांतरण, युक्तिकृतिकरण तथा छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना संबंधी आदेशों पर बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 21 अगस्त 2025 को जारी शासन के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में जिला स्तर से पारित किए गए आदेश निरस्त किए जाते हैं और इनमें किसी भी प्रकार के पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है।
जारी आदेश में कहा गया है कि—
स्थानांतरण आदेश की वैधता पर सवाल नहीं – कुछ शिक्षकों और अधीक्षकों के स्थानांतरण आदेशों को लेकर जो पत्राचार हुआ था, उसकी जांच में पाया गया कि यह आदेश शासन स्तर से किए गए निर्देशों के अनुरूप ही थे। अतः इसमें किसी प्रकार का संशोधन आवश्यक नहीं है।
अधिकार क्षेत्र से बाहर आदेश – कई मामलों में यह पाया गया कि जिला स्तर से जारी आदेश शासन की अनुमति से परे थे। छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना से संबंधित आदेश केवल विभागीय निर्देशों के तहत ही मान्य हैं। ऐसे में जिला स्तर के आदेश स्वतः निरस्त माने जाएंगे।
युक्तिकृतिकरण और अतिरिक्त पदस्थापन – शिक्षकों के युक्तिकृतिकरण व अधीक्षकों की अतिरिक्त पदस्थापना को लेकर भी शासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्य केवल निर्धारित नीतियों और तिथियों के भीतर ही किया जा सकता है। 17 जून 2025 तक की अवधि में ही ऐसी कार्रवाई संभव थी। उसके बाद के आदेश अमान्य माने जाएंगे।
11 जुलाई 2025 को जिला स्तर से 139 छात्रावास अधीक्षकों की पदस्थापना का आदेश जारी किया गया था, लेकिन इसमें 2015 और 2017 के विभागीय निर्देशों का पालन नहीं किया गया। इसलिए यह आदेश भी रद्द कर दिया गया है।इस पूरे मामले पर शासन ने दो टूक कहा है कि 21 अगस्त 2025 के आदेश के पूर्व पारित सभी जिला स्तरीय आदेश निरस्त माने जाएंगे और इनमें किसी प्रकार की पुनर्विचार प्रक्रिया आवश्यक नहीं है।
शासन के इस आदेश पर उपसचिव दिशा प्रणय नागवंशी ने 8 सितंबर 2025 को हस्ताक्षर किए।
इसका सीधा असर जिले के उन शिक्षक और छात्रावास अधीक्षकों पर पड़ेगा, जिनका हाल ही में स्थानांतरण या पदस्थापना जिला स्तर से की गई थी। अब यह आदेश निरस्त हो चुके हैं और आगे की कार्रवाई केवल शासन स्तर से ही होगी।

