आई विटनेस न्यूज 24,रविवार 22 जून,जिले में हाल ही में हुए शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादलों को लेकर सियासी बवाल मच गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जिला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने भाजपा नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे लेकर ट्रांसफर किए गए हैं।
प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से हुए तबादले और संशोधन बने विवाद की जड़
डिंडोरी जिले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 17 जून तक ट्रांसफर के लिए दी गई अनुमति के तहत कई अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए गए। लेकिन विवाद तब गहराया जब 18 जून को कुछ तबादलों के संशोधित आदेश जारी कर दिए गए। इस पर सवाल उठने लगे कि अनुमति समाप्त होने के बाद आखिर संशोधन आदेश कैसे और क्यों जारी किए गए।
फार्मासिस्ट अभिलाषा मरकाम का फिर जिला अस्पताल में तबादला
विवादों में घिरी एक बड़ी कार्रवाई फार्मासिस्ट अभिलाषा मरकाम को लेकर सामने आई है। वर्ष 2023 में अल्प्राजोलम टेबलेट में अनियमितता उजागर होने के बाद 2024 में उन्हें निलंबित कर वेतन वृद्धि रोकी गई थी। इसके बाद उन्हें शाहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ किया गया था। लेकिन 17 जून को अचानक फिर जिला अस्पताल में तबादले का आदेश जारी कर दिया गया, जिससे ट्रांसफर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
विधायक बोले – अधिकारियों ने भ्रम में रखकर कराए ट्रांसफर
भाजपा विधायक ने ट्रांसफर विवाद पर स्पष्ट तौर पर कहा कि अधिकारियों ने जानबूझकर प्रभारी मंत्री को भ्रम में रखकर सेटिंग से तबादले कराए। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर के लिए पहले 31 मई तक अनुमति थी, फिर उसे 10 जून और 17 जून तक बढ़ाया गया। इस दौरान कई दूरस्थ क्षेत्रों को नजरअंदाज कर सिर्फ पसंदीदा लोगों के तबादले पास कराए गए। विधायक ने संशोधन आदेशों को भी नियमविरुद्ध बताते हुए कहा कि अगली बैठक में इस पूरे मामले को उठाया जाएगा।
बसपा ने की निष्पक्ष जांच की मांग
बसपा जिला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि पूरे तबादला मामले में भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन अफसरों और नेताओं ने पैसे लेकर ट्रांसफर करवाए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
डिंडोरी जिले में ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर उठे सवाल अब सियासी रंग लेने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ सकता है।