आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 22 जुलाई,नगर परिषद शहपुरा में मास्टर कर्मियों की अवैध भर्ती को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। नगरवासियों द्वारा आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को एक ज्ञापन सौंपकर इस अवैध नियुक्ति पर जांच की मांग की गई है। प्राप्त शिकायत पत्र के अनुसार, नगर परिषद शहपुरा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (C.M.O) अरविंद बोकर द्वारा बिना शासन की पूर्व स्वीकृति के मास्टर कर्मियों की भर्ती कर दी गई, जो स्पष्ट रूप से नियम विरुद्ध और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
शिकायत में बताया गया कि पूर्व में कार्यरत कुछ मास्टर कर्मियों को परिषद की वित्तीय स्थिति ठीक न होने का हवाला देकर हटा दिया गया था और उनके कई महीनों का वेतन भी रोक दिया गया। इसके विपरीत, लगभग 10 नए कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई और उन्हें नियमित रूप से भुगतान भी किया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाया कि यह भर्ती प्रक्रिया C.M.O द्वारा अपने चहेते रिश्तेदारों और परिचितों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है, जिसमें पीआईसी के कुछ सदस्यों की मिलीभगत भी है। पार्षदों ने इसे नगर परिषद की आर्थिक स्थिति का दुरुपयोग और भारी भ्रष्टाचार करार दिया है।
इस संबंध में दिनांक 18 दिसंबर 2024 को संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग द्वारा जारी आदेश की प्रति भी संलग्न की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बिना शासन की स्वीकृति के सेवा में नहीं लिया जा सकता, और यदि लिया गया तो उस अधिकारी पर वेतन की वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
शिकायतकर्ताओं ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में नगरवासियों सहित कई स्थानीय लोगों के हस्ताक्षर भी शामिल हैं, जो इस मामले की पारदर्शी जांच की मांग कर रहे हैं।