आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 6 अगस्त,बेटियों की शिक्षा के लिए स्थापित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय गुरैया आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। विद्यालय तक पक्का पहुंच मार्ग नहीं है, न ही परिसर में कोई बाउंड्रीवाल है। विद्यालय वर्तमान में एक जर्जर और असुरक्षित भवन में संचालित हो रहा है, जिसकी खिड़कियां तक टूटी हुई हैं।
गंभीर बात यह है कि ₹1.38 करोड़ की लागत से नया भवन बनकर तैयार है, लेकिन सुविधाएं और व्यवस्था पूरी न होने के कारण उसे अब तक शिफ्ट नहीं किया गया है। इससे छात्राओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा—तीनों प्रभावित हो रही हैं।
ग्राम सरपंच अनूप कुशराम ने जानकारी देते हुए बताया कि पक्की सड़क और बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए ग्राम पंचायत स्तर से लेकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक कई बार मांग की गई, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इस संबंध में अनुरोध किया गया था, परंतु नतीजा आज भी शून्य है।
ग्रामीणों और छात्रावास स्टाफ की भी यही मांग है कि विद्यालय की सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए तत्काल पक्की सड़क, बाउंड्रीवाल तथा भवन में स्थानांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संबंधित विभागों की उदासीनता के कारण शिक्षा की यह महत्वपूर्ण इकाई मूलभूत जरूरतों से वंचित है, जो शासन के "बेटी पढ़ाओ" अभियान को भी चुनौती दे रहा है।