आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 7 अगस्त,डिंडोरी नगर परिषद का हाल ऐसा हो चला है जैसे उसे न शासन का डर है, न नियमों की परवाह। अस्थायी होर्डिंग्स की अनुमति देने में जिस तरह की अनियमितता सामने आई है, उसने यह साफ कर दिया है कि अब यहां गाइडलाइन्स सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई हैं।
ना बिजली विभाग की NOC, ना ट्रैफिक की मंज़ूरी – फिर किस आधार पर मिली अनुमति?
जिस स्थान पर होर्डिंग लगाई गई है, वहां पहले हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके, 11 केवी विद्युत लाइन के ठीक नीचे होर्डिंग्स लगाने की मंज़ूरी दी गई, जो सीधे-सीधे आम जनता की जान से खिलवाड़ है। सवाल यह उठता है कि क्या नगर परिषद को यह अंदाज़ा नहीं कि ऐसी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है?
बसपा के ज़िला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने नगर परिषद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि "शासन की तय गाइडलाइन को दरकिनार कर परिषद अपने हिसाब से काम कर रही है। यह लापरवाही नहीं, बल्कि एक सोची-समझी अनदेखी है, जिसकी कीमत आम लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ सकती है।"
बसपा के ज़िला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने नगर परिषद के राजस्व प्रभारी से इस विषय मे जानना चाहा तो राजस्व प्रभारी ने बताया कि अस्थाई होडिंग की परमिशन ऑफ लाईन पर्ची काट कर दे सकते है।
शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि अस्थायी होर्डिंग्स के लिए अधिकतम 30 दिनों की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक कुछ मामलों में 60 से 90 दिन तक की अनुमति दे दी गई है। यानी नियमों की सीधी अवहेलना।क्या यह सब बिना 'ऊपर' की सहमति के हो रहा है?जैसे-जैसे मामला गहराता जा रहा है, सवाल उठ रहे हैं –
क्या नगर परिषद के अंदर किसी खास ठेकेदार या विज्ञापन एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की बलि दी जा रही है?
क्या यह सब एक सुनियोजित 'कमाई का खेल' है जिसमें विभागीय मिलीभगत शामिल है?
फिलहाल नगर परिषद के किसी भी अधिकारीने इस पूरे मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। न ही कोई दस्तावेजी प्रमाण पेश किया गया है जिससे यह साबित हो कि होर्डिंग्स की अनुमति प्रक्रिया नियमों के तहत हुई थी।डिंडोरी जिला प्रशासन की चुप्पी भी उतनी ही चिंताजनक है। अगर मीडिया में मामला न आता, तो क्या यह अनियमितताएं यूं ही दबा दी जातीं? क्या अब भी कार्रवाई होगी या फाइलें फिर से दबा दी जाएंगी?अब वक्त है कि जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लिया जाए। नगर परिषद की यह मनमानी सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, एक संभावित त्रासदी की नींव है।