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आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़: एकादशी पर मचा हाहाकार, 10 की मौत — महिलाएं और बच्चे बने शिकार

आई विटनेस न्यूज 24, शक्रूवर, 31 अक्टूबर,  श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश श्रद्धा के सैलाब में शनिवार को तब चीखें गूंज उठीं, जब काशीबुग्गा
में एकादशी के दिन भीषण भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 8 महिलाएं और 2 मासूम बच्चे शामिल हैं वहीं 25 से अधिक लोग घायल** हैं और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

कैसे मचा हाहाकार — रेलिंग टूटी, लोग एक-दूसरे पर गिरते गए

स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर में आने-जाने का रास्ता बेहद संकरा और एक ही दिशा वाला है। शनिवार को एकादशी होने के कारण हजारों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। अचानक हुई धक्का-मुक्की में रेलिंग टूट गई और इसके बाद मच गया कहर का मंजर। महिलाएं और बच्चे चिल्लाते रहे, लोग एक-दूसरे पर गिरते गए और कुछ पल में श्रद्धा की जगह अफरातफरी ने ले ली।

वीडियो में दिखा दर्दनाक मंजर

हादसे के बाद सामने आए वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। मंदिर की सीढ़ियों पर भारी भीड़ में महिलाएं और बच्चे दबकर गिरते नजर आए, कई श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए *लोगों के ऊपर से चढ़कर भागते दिखे। वीडियो में देखा गया कि हादसे के बाद लोग बेसुध पड़ी महिलाओं और बच्चों को बाहर खींच रहे थे।

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एसपी केवी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि मंदिर के प्रशासक हरिमुकुंद पांडा के
खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (IPC धारा 304) के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं, वहीं घायलों का इलाज जारी है। राज्य की गृह मंत्री अनीता ने बताया कि आमतौर पर इस मंदिर में *हर हफ्ते 1500 से 2000 श्रद्धालु* आते हैं। लेकिन एकादशी के दिन 25 हज़ार से ज़्यादा लोग दर्शन के लिए पहुंच गए, जबकि मंदिर की क्षमता इतनी भीड़ संभालने की नहीं थी। स्वास्थ्य मंत्री सत्य प्रकाश ने बताया कि “मंदिर पहली मंजिल पर स्थित है और वहां तक पहुंचने के लिए केवल 20 सीढ़ियां हैं। ऐसे में अचानक धक्का-मुक्की से हालात बेकाबू हो गए।”

सवाल उठता है — क्या इस हादसे को टाला जा सकता था? 

इतने बड़े स्तर पर श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बावजूद भीड़ नियंत्रण, एंट्री-एग्जिट व्यवस्था और सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नहीं थे? क्या प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने भीड़ का अनुमान नहीं लगाया था? यह हादसा सिर्फ एक त्रासदी नहीं, बल्कि *भीड़ प्रबंधन की विफलता की गवाही* है।

श्रद्धा में सावधानी जरूरी

श्रद्धा कभी भी लापरवाही का रूप न ले  यही इस हादसे से सबसे बड़ा सबक है। सरकार ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन जो 10 जिंदगियां चली गईं, वे अब लौटकर नहीं आएंगी।


Ashish Joshi

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ASHISH JOSHI | आई विटनेस न्यूज़ 24 के संचालक के रूप में, मेरी प्रतिबद्धता हमारे दर्शकों को सटीक, प्रभावशाली और समय पर समाचार प्रदान करने की है। मैं पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखते हुए हर खबर को सच के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूँ। आई विटनेस न्यूज़ 24 में, हमारा लक्ष्य है कि हम समाज को सशक्त और जोड़ने वाली आवाज़ बनें।