आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 30 दिसम्बर,शहपुरा में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ भारतीय किसान संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। रानी दुर्गावती स्टेडियम परिसर में बैठे किसानों से मंगलवार सुबह एसडीएम ऐश्वर्य वर्मा ने पहुंचकर चर्चा की, लेकिन किसानों ने अपनी मांगों पर ठोस लिखित आश्वासन से कम किसी बात पर सहमति नहीं जताई।किसानों का कहना है कि वे बिजली, सिंचाई, सड़क और प्रशासनिक लापरवाही जैसे मुद्दों पर अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और युवा उपस्थित रहे।132 केव्ही विद्युत सब-स्टेशन की मांगकिसानों की प्रमुख मांग शहपुरा में 132 केव्ही का विद्युत उपकेंद्र स्थापित करने की है। आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। लो-वोल्टेज, अघोषित कटौती और बार-बार ट्रिपिंग की समस्या से खेती प्रभावित हो रही है। पर्याप्त वोल्टेज न मिलने के कारण सिंचाई पंप चालू नहीं हो पाते और किसानों को मजबूरन डीजल पंप से सिंचाई करनी पड़ रही है, जिससे लागत बढ़ रही है। किसान संगठन ने मांग की है कि उपकेंद्र के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र दी जाए।सिंचाई व्यवस्था की बदहाली और भ्रष्टाचार के आरोपधरना स्थल पर किसानों ने बताया कि जिले में बने बिलगांव, दनदना और चौरा जलाशय करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी किसानों के लिए बेकार साबित हो रहे हैं। नहरों की हालत जर्जर है—कहीं टूट-फूट तो कहीं गाद और झाड़ियों से जाम। किसानों का आरोप है कि हर साल मरम्मत के नाम पर बड़ी रकम खर्च दिखा दी जाती है, मगर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। भारतीय किसान संघ ने मांग की कि सभी परियोजनाओं की उच्चस्तरीय जांच की जाए और भ्रष्ट अधिकारियों तथा ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की जाए।फसलें बर्बादी की कगार परसिंचाई और बिजली संकट के कारण किसानों ने अपनी फसलों के सूखने की चिंता भी जताई। उन्होंने बताया कि समय पर पानी न मिलने से धान, गेहूं, चना और सब्जियों की फसलें खत्म होने की स्थिति में हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन जिले से निकलकर प्रांत स्तर तक जाएगा।समर्थन मूल्य और रेलवे लाइन की मांगधरने के दौरान किसानों ने सरकार से धान का समर्थन मूल्य ₹3100 और गेहूं ₹2700 प्रति क्विंटल तय करने की पूर्व घोषणाओं को लागू करने की मांग दोहराई। साथ ही शहपुरा और डिण्डौरी को रेलवे लाइन से जोड़ने की पुरानी मांग को भी उठाया गया। किसानों का कहना है कि रेलवे सुविधा के अभाव में कृषि उपज का परिवहन महंगा है और जिले का आर्थिक विकास अवरुद्ध हो रहा है।विशाल रैली से प्रशासन को चेतावनीमंगलवार को किसानों ने धरनास्थल से नगर में विशाल रैली निकालकर शासन–प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रैली के माध्यम से भारतीय किसान संघ ने संदेश दिया कि यह आंदोलन सिर्फ शुरुआत है, जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, किसान पीछे नहीं हटेंगे।
आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 30 दिसम्बर,शहपुरा में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ भारतीय किसान संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। रानी दुर्गावती स्टेडियम परिसर में बैठे किसानों से मंगलवार सुबह एसडीएम ऐश्वर्य वर्मा ने पहुंचकर चर्चा की, लेकिन किसानों ने अपनी मांगों पर ठोस लिखित आश्वासन से कम किसी बात पर सहमति नहीं जताई।किसानों का कहना है कि वे बिजली, सिंचाई, सड़क और प्रशासनिक लापरवाही जैसे मुद्दों पर अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं और युवा उपस्थित रहे।132 केव्ही विद्युत सब-स्टेशन की मांगकिसानों की प्रमुख मांग शहपुरा में 132 केव्ही का विद्युत उपकेंद्र स्थापित करने की है। आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में क्षेत्र में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। लो-वोल्टेज, अघोषित कटौती और बार-बार ट्रिपिंग की समस्या से खेती प्रभावित हो रही है। पर्याप्त वोल्टेज न मिलने के कारण सिंचाई पंप चालू नहीं हो पाते और किसानों को मजबूरन डीजल पंप से सिंचाई करनी पड़ रही है, जिससे लागत बढ़ रही है। किसान संगठन ने मांग की है कि उपकेंद्र के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र दी जाए।सिंचाई व्यवस्था की बदहाली और भ्रष्टाचार के आरोपधरना स्थल पर किसानों ने बताया कि जिले में बने बिलगांव, दनदना और चौरा जलाशय करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी किसानों के लिए बेकार साबित हो रहे हैं। नहरों की हालत जर्जर है—कहीं टूट-फूट तो कहीं गाद और झाड़ियों से जाम। किसानों का आरोप है कि हर साल मरम्मत के नाम पर बड़ी रकम खर्च दिखा दी जाती है, मगर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। भारतीय किसान संघ ने मांग की कि सभी परियोजनाओं की उच्चस्तरीय जांच की जाए और भ्रष्ट अधिकारियों तथा ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की जाए।फसलें बर्बादी की कगार परसिंचाई और बिजली संकट के कारण किसानों ने अपनी फसलों के सूखने की चिंता भी जताई। उन्होंने बताया कि समय पर पानी न मिलने से धान, गेहूं, चना और सब्जियों की फसलें खत्म होने की स्थिति में हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन जिले से निकलकर प्रांत स्तर तक जाएगा।समर्थन मूल्य और रेलवे लाइन की मांगधरने के दौरान किसानों ने सरकार से धान का समर्थन मूल्य ₹3100 और गेहूं ₹2700 प्रति क्विंटल तय करने की पूर्व घोषणाओं को लागू करने की मांग दोहराई। साथ ही शहपुरा और डिण्डौरी को रेलवे लाइन से जोड़ने की पुरानी मांग को भी उठाया गया। किसानों का कहना है कि रेलवे सुविधा के अभाव में कृषि उपज का परिवहन महंगा है और जिले का आर्थिक विकास अवरुद्ध हो रहा है।विशाल रैली से प्रशासन को चेतावनीमंगलवार को किसानों ने धरनास्थल से नगर में विशाल रैली निकालकर शासन–प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। रैली के माध्यम से भारतीय किसान संघ ने संदेश दिया कि यह आंदोलन सिर्फ शुरुआत है, जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, किसान पीछे नहीं हटेंगे।

