ईश्वर दुबे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24,बुधवार 23 फरवरी,प्रदेश के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा उपलब्ध कराने के सरकारी दावों की पोल खोल रहे है जिले के वनांचल ग्रामो के जर्जर स्कूल। जी हाँ हम बात कर रहे हैं।
जिले के वनांचल ग्रामो के शासकीय स्कूलों की दयनीय हालत की। शिक्षा विभाग ने अधिकांश गांवों में हर 5 किलोमीटर के दायरे में स्कूल तो खोल दिए है, पर भवन के अभाव या जीर्णशीर्ण अवस्था मे पहुँच चुके स्कूल भवनों के चलते छात्रों की कक्षाएं अतिरिक्त भवन या पंचायत भवन और कहीं कहीं तो खुले में संचालित की जा रही है।
हम बात कर रहे है जिला डिंडोरी अंतर्गत ग्राम सारस ताल के माध्यमिक विद्यालय भवन की जो कई साल से जर्जर हो गया है।भवन के खिड़की दरवाजे पुराने हो कर टूट गए है।छत और दीवार अपनी उम्र पूर्ण कर चुकी है और कभी भी धराशाई हो सकती हैं। यहां छठवीं से लेकर दसवीं तक के छात्र, छात्राएं अध्ययन करते हैं।भवन की हालत खराब होने से बच्चों को अतिरिक्त कक्ष में तो कुछ छात्रों को पंचायत भवन में बैठाया जाता है। अतिरिक्त कक्ष में मात्र दो कमरे है जिसमे सारे बच्चों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।
कुछ छात्रों को पंचायत भवन में बैठाया जाता है।पर ग्राम सभा या कोई भी कार्यक्रम होता है। तो पंचायत भवन में ही आयोजित होता है।ऐसी स्थिति में बच्चो की पढ़ाई में काफी व्यवधान होता है।पंचायत भवन में ग्रामवासियों का किसी न किसी कार्य से आना जाना लगा रहता है। उससे भी परेशानी बनी रहती है।कक्षा वार स्कूल ना लगने से छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार मय हो रहा है।वैसे भी कोरोना के चलते नोनिहलो की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है। अतः सभी ग्रामवासियों ने जनप्रतिनिधियों व उच्चाधिकारियों से मांग की है कि जल्द से जल्द नवीन शाला भवन का निर्माण कराया जाए जिससे समस्या का समाधान हो सके।
