आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 24 जुलाई,आदिवासी बाहुल्य डिण्डौरी जिले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डीईओ का पद 30 जून को रती सिंह सिंद्राम के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली पड़ा हुआ है। इसमें न तो स्थानीय स्तर पर प्रशासन ने कोई आदेश जारी किया है और न ही लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से किसी को प्रभार दिए जाने का कोई आदेश जारी हुआ है।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहां पर बिना किसी आदेश के जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ जिला परियोजना समन्वयक डीपीसी राघवेंद्र मिश्रा के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वहां के कामकाज संबंधी कई पत्रों और आदेशों में हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। वहीं जब इस मामले पर हमने डीपीसी राघवेंद्र मिश्रा से बात की तो उनका कहना है कि इस मामले पर आपको कलेक्टर मैडम ही बता पाएंगे मैं उन्हीं के निर्देशों पर चल रहा हूं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कलेक्टर डिण्डौरी के द्वारा अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार दिए जाने का कोई आदेश लिखित रूप में जारी नहीं हुआ है। वहीं यदि सीनियरिटी की बात की जाए तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक सुमन परस्ते को प्रभार दिया जाना चाहिए। हमने सुमन परस्ते से भी इस संबंध में बात की तो उनका कहना है कि अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
अब मामला दिलचस्प इसलिए है कि यदि जिला शिक्षा अधिकारी जैसे इतने बड़े पद के लिए किसी के नाम का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है तो आखिर डीपीसी राघवेंद्र मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी के नाम पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी पत्रों में अपने हस्ताक्षर क्यों कर रहे हैं? शासन-प्रशासन को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए। और यह स्पष्ट करना चाहिए कि जिला शिक्षा अधिकारी का लिखित प्रभार अब तक किसी को क्यों नहीं दिया ? बिना आदेश के हस्ताक्षर करने वाले डीपीसी रावेन्द्र मिश्रा पर क्या कार्रवाई होगी। यह बड़ा सवालिया निशान है।