राजेन्द्र तंतवाय की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 6 जुलाई,जल संरक्षण एवं सिंचाई रकबा बढ़ाने एवं गर्मी जल की उपलब्धता के मद्देनजर प्रदेश में जल गंगा संवर्धन योजना अंतर्गत तालाबों के निर्माण का शुभारंभ मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था इसी के तहत जिले में भी तालाबों का निर्माण पंचायत स्तर पर व्यापक पैमाने में किये गए हैं लेकिन जिले में हावी निर्माण कार्य में मनमानी और भ्रष्टाचार से भला यह महत्वाकांक्षी योजना कैसे अछूती रह सकती है जिले के बेलगाम सरकारी नुमाइंदों की निर्माण में मनमानी की पोल बारिश ने खोलकर रख दी है ।जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रुशा में जल गंगा संवर्धन योजना अंतर्गत लगभग 24 लाख की लागत से सुखार नाले में सरपंच सचिव एवं जनपद के जिम्मदारों के द्वारा तालाब का निर्माण कराया गया था जिसका एक हिस्सा बारिश अपने साथ बहा ले गई और अब अपने कारनामों को छिपाने के लिए आनन फानन में सरपंच सचिव सहित जनपद के जिम्मेदार सुधार कार्य करने पर लगे हुए हैं।सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक ग्राम पंचायत रूसा में सुखार नाले में जल गंगा संवर्धन अंतर्गत जल संरक्षण के मद्देनजर नजर तालाब का निर्माण कार्य सरपंच सचिव एवं जनपद पंचायत के जिम्मेदार नुमाइंदों के द्वारा चंद महीने पहले कराया गया था ।ग्रमीणों की माने तो जिम्मदारों ने निर्माण कार्य के दौरान तय मानकों को नजर अंदाज करते हुए गुडवत्ताहीन तालाब का निर्माण अपने स्वार्थहित साधने के फेर में कर दिया गया जिसकी पोल बारिश ने खोल कर रख दी ग्रामीणों की माने तो निमार्ण के दौरान तालाब की बंड में काली मिटटी का उपयोग गीला कर किया जाना था लेकिन औपचारिकता मात्र को काली मिटटी का उपयोग करते हुए निर्माण करने के चलते बंड से पानी का रिसाव होने लगा निर्माण में रोलर का भी इस्तेमाल नहीं किया गया नतीजतन जिले में हुई भारी बारिश ने जिम्मदारों की पोल खोलकर रख दी अब जिम्मेदार अपनी करतूतों पर पर्दा डालने बारिश में पूरी तरह बह चुके तालाब में मरम्मत कार्य करने पर लगे हुए हैं आदिवासी बाहुल्य जिले में सरकारी धन में भ्रष्टाचार आम हो चला है जिसकी बानगी उक्त क्षतिग्रस्त तालाब है जो मूल उद्देश्यों पर पानी फेरता नजर आता है।