आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 3 अगस्त,जिले की जनपद पंचायत शहपुरा अंतर्गत ग्राम पंचायत कंचनपुर में वित्तीय अनियमितताओं का गंभीर मामला उजागर हुआ है। न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी/विहित प्राधिकारी (पंचायत), जिला पंचायत डिंडौरी ने जांच के उपरांत ग्राम पंचायत के चार जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से ₹5.57 लाख की वसूली का आदेश दिया है। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल के निर्देशों के अनुपालन में की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत कंचनपुर में निर्माण कार्यों और मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान में भारी गड़बड़ियां पाई गईं।
रोजगार सहायक मुकेश बाधवे ने एक ही वित्तीय वर्ष में दो जॉब कार्ड जारी कर, फर्जी तरीके से 190 से अधिक मजदूरी भुगतान किए।
उपयंत्री श्याम सुंदर सेन ने कार्यस्थल के चयन और मूल्यांकन में गंभीर लापरवाही बरती, जबकि बाद में उन्होंने जिम्मेदारी से इनकार किया।
जांच में आंगनवाड़ी भवन की स्थिति तो संतोषजनक पाई गई, परंतु बाउंड्री वॉल के नीचे क्रैक और सीपेज जैसी निर्माण त्रुटियां दर्ज की गईं।
जिस फर्म के.के. ट्रेडर्स को सामग्री आपूर्ति का भुगतान किया गया, वह दिसंबर 2019 में ही निरस्त हो चुकी थी।
दोषियों पर तय की गई वसूली राशि
नामपदवसूली राशि
कृष्ण कुमार ओटिये सरपंच ₹2,23,500
लक्ष्मी प्रसाद यादव सचिव ₹2,23,500
श्याम सुंदर सेन उपयंत्री ₹38,934
मुकेश बाधवेग्राम रोजगार सहायक ₹71,786कुल ₹5,57,720
यह राशि बकाया भू-राजस्व की तरह वसूली के निर्देश के साथ निर्धारित की गई है। यदि दोषियों द्वारा यह राशि एक माह के भीतर जमा नहीं की जाती है, तो म.प्र. पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दोषी सरपंच और पंचों के विरुद्ध पंचायतराज अधिनियम की धारा 40 के तहत प्रकरण दर्ज होगा।
दोषी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर भविष्य के सभी भुगतान प्रतिबंधित किए जाएंगे।
आंगनवाड़ी भवन की सुरक्षा हेतु पिचिंग कार्य और जाली लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
इस पूरे निर्णय को पंचायत व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन और राज्य शासन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।