राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 3 अगस्त,डिंडौरी जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और वातावरण में फैली नमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। अझवार क्षेत्र के ग्राम कुदवारी, उमरधा, बूड़न, सुरखी समेत आसपास के गांवों में सर्दी, जुकाम, खांसी, वायरल बुखार, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण आम होते जा रहे हैं। वहीं कुछ गंभीर मामलों में टाइफाइड जैसी बीमारियों की भी पुष्टि हुई है, जिससे ग्रामीणों में चिंता का माहौल है।
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। क्षेत्र में न तो पर्याप्त स्वास्थ्यकर्मी हैं और न ही जरूरी संसाधन। एम्बुलेंस सेवाएं अक्सर समय पर नहीं पहुंचतीं और कई बार वाहन की अनुपलब्धता का हवाला देकर मामले को टाल दिया जाता है। रात्रिकालीन समय में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब आपात स्थिति में भी कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं रहती।
इलाज के लिए लोग मजबूर होकर निजी वाहनों से मरीजों को डिंडौरी या अन्य स्थानों तक ले जा रहे हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। कई बार लोग महंगे निजी इलाज का सहारा लेने को भी विवश हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्रामीणजन मांग कर रहे हैं कि अझवार में संचालित उप-स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) का दर्जा दिया जाए। साथ ही उसमें 24 घंटे चिकित्सा सुविधा, प्रसव हेतु महिलाओं के लिए विशेष वार्ड और प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इससे न केवल ग्रामीणों को समय पर इलाज मिल सकेगा, बल्कि उन्हें आर्थिक कठिनाइयों से भी राहत मिलेगी।
ग्रामीणों की यह मांग स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि अब समय आ गया है जब स्वास्थ्य सेवाओं का विकेन्द्रीकरण कर हर गांव और हर व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित की जाए।