आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 17 सितम्बर,डिंडौरी नगर परिषद की लापरवाही इस हद तक पहुँच गई है कि अब शहर का कचरा उठाने की जिम्मेदारी आम नागरिकों और कार्यकर्ताओं को उठानी पड़ रही है। हाल ही में भाजपा कार्यकर्ता वीरेंद्र बिहारी शुक्ला और जनपद पंचायत के बड़े बाबू गिरीश तिवारी को खुद झाड़ू उठाकर सड़क किनारे पड़े कचरे के ढेर को साफ करना पड़ा। सवाल है – नगर परिषद और ठेकेदार किस बात की मोटी रकम डकार रहे हैं?विडंबना देखिए, यह वही रास्ता है जहां से कलेक्टर और विधायक रोज गुजरते हैं। उनकी नाक के नीचे कचरे के ढेर लगें और नगर परिषद सोती रहे, तो आम जनता की गलियों और मोहल्लों की तस्वीर का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।नगर परिषद ने जबलपुर की एक कंपनी को करीब 4 लाख रुपये में सफाई का ठेका दे रखा है। ठेकेदार बाकायदा घरों से 30 रुपये और दुकानों से 50 रुपये वसूलता है। उधर, नगर परिषद मकान कर के साथ-साथ स्वच्छता कर भी वसूल रही है। यानी जनता से दोहरा टैक्स, लेकिन बदले में नाला-गली कचरे से पटी पड़ी है।
अब जनता पूछ रही है –
क्या नगर परिषद केवल वसूली का अड्डा बनकर रह गई है?
क्या ठेकेदार और नगर परिषद की मिलीभगत से खुलेआम लूट मची है?
अगर सफाई भी आम नागरिकों को करनी है, तो नगर परिषद किस बात की कुर्सी पर बैठी है?डिंडौरी नगर परिषद का यह रवैया साफ संदेश देता है – जनता चाहे टैक्स भरती रहे, पर नगर में गंदगी ढोना अब नागरिकों की ही जिम्मेदारी है।

